‘साहित्य में तुम मेरी पीठ खुजाओ, मैं तुम्हारी खुजाता हूं… बेहद आम बात हैै’ | विकास कुमार | Tehelka Hindi: हिंदी अपराध लेखन में शीर्ष लेखकों में शुमार सुरेंद्र मोहन पाठक का मानना है कि लोकप्रिय साहित्य का पाठक अपने लेखक की हैसियत बनाता है, खालिस साहित्यकार इस हैसियत से वंचित हैं. विकास कुमार की उनसे खास बातचीत
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